Nirankari Bal Geet. निरंकारी बाल गीत. बाल संगत है इक फुलवारी.


बाल गीत - बाल संगत है इक फुलवारी 


बाल संगत है एक फुलवारी,
हम हैं इस बगिया के फूल,
फूले-फले हमारा जीवन,
बनके संत जनों की धूल

एक साथ जैसे खिलते हैं,
जूही, गेंदा और गुलाब,
इसी तरह मिलजुल कर हम भी,
मानवता की पढ़े किताब,
नफरत निंदा वैर की बातें,
कभी करे ना बैठ फजूल,
बाल-संगत है एक फुलवारी......


 प्रीत नम्रता सेवा सीखे,
 आ के इस फुलवारी में,
 संतों वाले सब गुण भर ले,
 मन की पाक पिटारी में,
 ऐसे आए साध-संगत में,
 जैसे नित जाते हैं स्कूल,
 बाल-संगत है इक फुलवारी......

 'बाबू ओमी' गुरु की संगत,
 ऐसा रंग चढ़ाती हैं,
 मम्मी-डैडी भाई-बहन,
 सबका आदर सिखलाती है,
 ध्रुव-प्रहलाद बने सच्चे
 और जाए हर शैतानी भूल,
 बाल-संगत है इक फुलवारी......


 तर्ज - नगरी-नगरी, द्वारे-द्वारे......


🙏महापुरुषों जी नीचे कमेंट में धन निरंकार जी जरूर लिखें🙏

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